जुलाई 2025 की बड़ी खबर: आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट (UG) कोर्सेज में प्रवेश (admission) के लिए अब 12वीं में 50% मार्क्स की शर्त को खत्म कर दिया गया है। यह बदलाव 2025-26 सत्र से लागू होगा।
📌 क्या था पुराना नियम?
अब तक आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले BAMS जैसे आयुर्वेद कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों को 12वीं (साइंस स्ट्रीम) में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी (PCB) में कम से कम:
50% मार्क्स (General category)
40% मार्क्स (Reserved category)
अनिवार्य होते थे।
📌 नया बदलाव क्या है?
नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) ने एक नया आदेश जारी किया है जिसमें बताया गया है कि अब 12वीं में न्यूनतम 50% मार्क्स की अनिवार्यता हटा दी गई है।
यह बदलाव 2025-26 सत्र से प्रभावी होगा। इसका मतलब है कि अब NEET क्वालिफाई करने वाले छात्र, भले ही उनके 12वीं में 50% मार्क्स न हों, फिर भी आयुर्वेद UG कोर्स (जैसे BAMS) में एडमिशन के योग्य होंगे।
📌 क्यों लिया गया यह फैसला?
NCISM का मानना है कि:
बहुत से स्टूडेंट्स NEET में अच्छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन 12वीं में 50% मार्क्स नहीं ला पाते।
ऐसे छात्रों को आयुर्वेद कोर्स से वंचित करना अनुचित था।
अब योग्यता का मूल्यांकन मुख्य रूप से NEET स्कोर के आधार पर किया जाएगा।
📌 न्यूनतम योग्यता अब क्या है?
12वीं पास (साइंस स्ट्रीम – PCB) होना जरूरी है।
NEET (यूजी) में क्वालिफाई करना अनिवार्य है।
12वीं के प्रतिशत मार्क्स का अब कोई असर नहीं होगा, यानी 50% मार्क्स जरूरी नहीं हैं।
📌 इससे किसे फायदा होगा?
ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों के स्टूडेंट्स जो NEET निकाल लेते हैं लेकिन 12वीं में अच्छे मार्क्स नहीं ला पाते।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को अब ज्यादा अवसर मिलेंगे।
BAMS जैसे कोर्स में एडमिशन के लिए अब ज्यादा छात्र आवेदन कर सकेंगे।
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🔚 निष्कर्ष:
यह फैसला छात्रों के लिए एक राहत की खबर है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके 12वीं में कम अंक थे लेकिन वे NEET क्लियर कर चुके हैं। आयुर्वेद शिक्षा में यह बदलाव मेडिकल शिक्षा के दरवाजे और छात्रों के लिए खोल देगा।
अब 2025-26 से 12वीं में 50% की बाध्यता नहीं – सिर्फ NEET क्वालिफाई करना ही काफी है!