बॉलीवुड ने खोया एक सितारा: अभिनेता और निर्माता धीरज कुमार नहीं रहे

बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री के लिए आज का दिन बेहद दुखद रहा। दिग्गज अभिनेता और टीवी निर्माता धीरज कुमार का 79 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि उन्हें निमोनिया था और पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत नाजुक चल रही थी। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली।

धीरज कुमार का नाम सुनते ही आंखों के सामने 70 और 80 के दशक की फिल्में घूम जाती हैं, जिनमें उन्होंने बतौर अभिनेता कई यादगार भूमिकाएं निभाईं। लेकिन उनका असली जादू तब सामने आया जब उन्होंने निर्माता और निर्देशक के रूप में टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा।


प्रारंभिक जीवन और फिल्मी करियर

धीरज कुमार का जन्म 1946 में पंजाब में हुआ था। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें रंगमंच और अभिनय का शौक था। इस पैशन ने उन्हें मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंचा दिया। उन्होंने 1970 के दशक में हिंदी फिल्मों में अपनी शुरुआत की। शुरुआती करियर में उन्होंने Roti Kapda Aur Makaan, Shirdi Ke Sai Baba, Swami, और Heera Panna जैसी कई प्रसिद्ध फिल्मों में काम किया।

हालांकि वह मुख्यधारा के स्टार नहीं बने, लेकिन उनके अभिनय में गंभीरता और गहराई थी, जो उन्हें अलग पहचान दिलाती थी। उन्होंने कई धार्मिक और सामाजिक फिल्मों में काम किया, जो दर्शकों के दिलों को छू गईं।


टेलीविजन में निर्माता के रूप में धमाकेदार शुरुआत

1990 के दशक में जब टेलीविजन भारत के हर घर में दस्तक देने लगा, तब धीरज कुमार ने निर्माता के रूप में अपनी नई पारी की शुरुआत की। उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस Creative Eye Limited के तहत कई हिट धारावाहिक बनाए, जिनमें सबसे लोकप्रिय था — “Om Namah Shivay”

इस पौराणिक धारावाहिक ने टेलीविजन पर नए मानक स्थापित किए। इसके अलावा उन्होंने Shree Ganesh, Jai Ganga Maiya, Mahasati Savitri, Yeh Hawayein, Saarrthi और Ghar Ki Lakshmi Betiyann जैसे दर्जनों लोकप्रिय सीरियल बनाए।

इन धारावाहिकों में सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक मूल्यों को प्रभावी तरीके से दर्शाया गया, जिससे हर उम्र के दर्शक जुड़ गए।


टेलीविजन की दुनिया को नया आकार

धीरज कुमार को “टेलीविजन के दूरदर्शी निर्माता” कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने उस समय पौराणिक और सांस्कृतिक विषयों पर आधारित कंटेंट तैयार किया, जब भारतीय टेलीविजन पर पश्चिमी प्रभाव हावी हो रहा था।

उनके धारावाहिकों की खास बात थी — उच्च गुणवत्ता वाली कहानी, उम्दा कास्टिंग और भारतीय संस्कृति का सजीव चित्रण। Om Namah Shivay और Shree Ganesh जैसे शो आज भी यूट्यूब पर लाखों बार देखे जाते हैं।


निजी जीवन और आदर्श व्यक्तित्व

धीरज कुमार निजी जीवन में बेहद सरल और विनम्र व्यक्ति थे। इंडस्ट्री में उनके साथ काम करने वाले लोग बताते हैं कि वे कभी गुस्से में नहीं आते थे और अपने हर कलाकार और टीम मेंबर का सम्मान करते थे।

उनकी पत्नी Zarina Wahab भी एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं। दोनों ने मिलकर मनोरंजन जगत में कई यादगार प्रोजेक्ट्स दिए हैं।


उनके निधन पर फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक

धीरज कुमार के निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। कई बड़े फिल्म सितारों, निर्देशकों और टीवी कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया:

“धीरज जी एक सच्चे सज्जन और कला के उपासक थे। उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।”

एकता कपूर ने लिखा:

“धारावाहिकों में धार्मिक विषयों को पेश करने की कला कोई धीरज जी से सीखे। उन्होंने इंडस्ट्री को दिशा दी।”


उनकी विरासत

धीरज कुमार हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनका काम आज भी जिंदा है — और हमेशा रहेगा। उन्होंने भारतीय टेलीविजन को वह सम्मान और गंभीरता दी जो पहले केवल फिल्मों को मिलता था। उन्होंने कलाकारों को मंच दिया, धार्मिक कथाओं को जीवंत किया, और भारतीय संस्कृति को घर-घर तक पहुंचाया।

आज भी जब कोई बच्चा Om Namah Shivay देखता है, तो यह समझ आता है कि टेलीविजन केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सीख और संस्कार का माध्यम भी हो सकता है। यह उनका सबसे बड़ा योगदान है।


निष्कर्ष

धीरज कुमार का जाना निश्चित रूप से एक युग का अंत है। उन्होंने जो नींव रखी, उस पर आज की टीवी इंडस्ट्री खड़ी है। उनका जीवन संघर्ष, संकल्प और सृजनशीलता का प्रतीक है।

भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री उन्हें कभी नहीं भूलेगी। श्रद्धांजलि, धीरज कुमार जी।

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