रक्षाबंधन 2025: इस बार राखी कब बांधें, भद्रा का असर और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी

 तारीख: 9 अगस्त 2025, दिन: शनिवार
 पूर्णिमा तिथि आरंभ: 8 अगस्त 2025, रात 10:35 बजे
 पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025, रात 7:10 बजे

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। यह पर्व हमें प्यार, सुरक्षा और विश्वास का संदेश देता है। लेकिन हर साल की तरह इस साल भी एक बड़ा सवाल उठ रहा है—“राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?”
क्या इस बार भद्रा रक्षाबंधन में बाधा डालेगी?
क्या राखी बांधना उचित रहेगा या नहीं?
आइए जानते हैं इस लेख में 2025 के रक्षाबंधन मुहूर्त, भद्रा काल, और ज्योतिषाचार्य की सलाह


राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2025 में कब है?

रक्षाबंधन 2025 में पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त को दिनभर है, लेकिन शुभ समय पर राखी बांधना बहुत आवश्यक होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य में भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है।

शुभ मुहूर्त:

9 अगस्त 2025 को राखी बांधने का सबसे अच्छा समय:
सुबह 10:15 बजे से शाम 6:45 बजे तक
इस अवधि में भद्रा समाप्त हो चुकी होगी, और आप पूरे विश्वास के साथ राखी बाँध सकते हैं।

भद्रा काल कब तक रहेगा?

भद्रा का समय इस वर्ष रक्षाबंधन की सुबह तक रहेगा:

भद्रा समाप्ति: सुबह 10:15 बजे
इसलिए ज्योतिषाचार्यों की सलाह है कि भद्रा काल के दौरान राखी न बांधे, खासकर छोटे बच्चों और बड़े बुजुर्गों को।


भद्रा काल क्या होता है और क्यों इससे बचना चाहिए?

भद्रा को हिन्दू शास्त्रों में अशुभ काल माना गया है। यह काल महिषासुर की बहन भद्रा देवी से जुड़ा हुआ है, जिसकी दृष्टि शुभ कार्यों में विघ्न डाल सकती है।

राखी बांधने जैसे पवित्र कार्य भद्रा काल में करने से शुभ फल नहीं मिलते।
 पौराणिक कथाओं में भी उल्लेख है कि राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण पर बाण लगने का कारण भी भद्रा काल में कार्य आरंभ करना था।


रक्षाबंधन का ज्योतिषीय महत्व

रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र, सफलता और सुख-समृद्धि की कामना करती है। यह केवल रक्षा सूत्र नहीं, बल्कि एक ऊर्जा बंधन होता है जो भाई को नेगेटिव एनर्जी से बचाता है।

 ज्योतिषाचार्य के अनुसार:

  • यदि बहन राखी बांधते समय ॐ रक्षायै नमः या “येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः” का जाप करे, तो यह और भी प्रभावशाली होता है।

  • राखी बांधने के बाद भाई को दक्षिणा के रूप में कुछ उपहार जरूर देना चाहिए, इससे पारिवारिक बंधन और मज़बूत होता है।

  • राखी बांधने की विधि 2025 (Step-by-step)
  1. थाली सजाएं: दीया, चावल, रोली, राखी और मिठाई रखें।

  2. भाई को तिलक करें: चावल और रोली से।

  3. आरती उतारें: भाई की तीन बार आरती करें।

  4. राखी बांधें: भाई की दाहिनी कलाई पर।

  5. मिठाई खिलाएं: कोई प्रिय मिठाई जैसे लड्डू या पेड़ा।

  6. उपहार लें या आशीर्वाद दें।

 यह परंपरा चाहे कितनी भी बदल जाए, लेकिन इस रिवाज़ का भाव वही रहता है – सुरक्षा और स्नेह।


2025 में विशेष संयोग: शनिवार का दिन और चंद्रमा की स्थिति

9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन शनिवार को पड़ रहा है। शनिवार के दिन रक्षाबंधन पड़ना भी एक विशेष योग माना जाता है।

शनिवार को शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या में चल रहे जातकों के लिए बहनों का राखी बांधना विशेष रूप से लाभदायक रहता है।
 चंद्रमा का गोचर भी उस दिन श्रवण नक्षत्र में रहेगा, जो शुभता को और भी बढ़ाता है।


ज्योतिषाचार्य की सलाह

ज्योतिषाचार्य डॉ. राकेश शर्मा कहते हैं –
“इस बार भद्रा के साये में थोड़ी देर के लिए सावधानी जरूरी है, लेकिन सुबह 10:15 बजे के बाद पूरा दिन शुभ रहेगा। बहनों को चाहिए कि वे संयम रखें और शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधें।”


रक्षाबंधन से जुड़े रोचक तथ्य

  • सबसे पुरानी राखी: इतिहास में कहा जाता है कि कर्णावती रानी ने हुमायूं को राखी भेजी थी।

  • गांधी जी की राखी परंपरा: बापू ने भी हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए राखी का प्रयोग किया था।

  • बॉलीवुड में राखी: फिल्मों में राखी को भाई-बहन के रिश्ते की प्रतीक के रूप में दिखाया गया है—जैसे “हरे रामा हरे कृष्णा”, “राखी”, और “बंधन” जैसी फिल्मों में।


निष्कर्ष: इस बार का रक्षाबंधन बनेगा और भी शुभ, बस रखें भद्रा का ध्यान

रक्षाबंधन 2025 में भावनाओं के साथ-साथ शुभ मुहूर्त का भी विशेष महत्व है।
सुबह 10:15 बजे के बाद पूरा दिन राखी बांधने के लिए उत्तम है।
भद्रा के दौरान राखी न बांधें, यह एक ज्योतिषीय और सांस्कृतिक सतर्कता है जो सदियों से चली आ रही है।


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