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सिर्फ 8 महीनों में 8000 लोग लापता! दिल्ली में मानव तस्करी का खतरा?

भारत की राजधानी दिल्ली में बीते 8 महीनों में 7,880 से अधिक लोग लापता हो चुके हैं। यह आंकड़ा खुद दिल्ली पुलिस के ज़ोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (ZIPNET) द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आया है। लापता होने वाले लोगों में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की बड़ी संख्या शामिल है।


कहां से आ रहे हैं सबसे ज्यादा मामले?


महिलाएं ज़्यादा निशाना?

आंकड़ों के अनुसार:


1,486 अज्ञात शव भी मिले

इन्हीं महीनों में दिल्ली में 1,486 अज्ञात शव भी बरामद हुए, जिनमें से अधिकतर पुरुष थे।


क्या मानव तस्करी है इसकी वजह?

विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े स्तर पर लोगों का लापता होना मानव तस्करी, जबरन श्रम या यौन शोषण जैसे मामलों से जुड़ा हो सकता है। दिल्ली जैसे महानगर में यह एक बड़ी और खतरनाक सच्चाई है, जिसे गंभीरता से लेने की ज़रूरत है।


पुलिस क्या कर रही है?

पुलिस का कहना है कि कई मामलों में लोग घर लौट आते हैं या दूसरे राज्यों में पाए जाते हैं। लेकिन ज़िपनेट पर 7,880 लोग अब तक “अनट्रेस्ड” हैं, जिससे स्थिति की गंभीरता बढ़ जाती है।


सावधानी जरूरी है!

सामान्य नागरिक क्या करें?


निष्कर्ष:

दिल्ली में 2025 के पहले आठ महीनों में हजारों लोग लापता होना कोई मामूली बात नहीं है। यह एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक समस्या बन चुकी है। शासन, पुलिस और समाज को मिलकर ऐसे मामलों पर सख्त और संवेदनशील कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।

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