क्या है पूरा मामला?

SSC (Staff Selection Commission) द्वारा आयोजित की गई Selection Post Phase-13 परीक्षा में इस बार बड़ी लापरवाही देखने को मिली। 24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 के बीच हुई इस परीक्षा में:

  • कई परीक्षा केंद्रों पर अचानक परीक्षा रद्द कर दी गई,

  • कई अभ्यर्थियों को समय से पहले परीक्षा खत्म कर दी गई,

  • तकनीकी गड़बड़ियों के चलते कई छात्रों को पेपर देने से रोका गया।

इस घटनाक्रम से नाराज होकर देशभर के लाखों छात्र #SSCMisManagement हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।


 छात्र और शिक्षक क्यों कर रहे हैं विरोध?

इस पूरे आंदोलन को Neetu Mam जैसे लोकप्रिय SSC शिक्षकों ने समर्थन दिया है। उन्होंने छात्रों की आवाज को amplify करते हुए ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर सरकार से सवाल किए हैं:

  • परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता कहाँ है?

  • तकनीकी अव्यवस्था का जिम्मेदार कौन?

  • क्या लाखों छात्रों का भविष्य यूं ही बर्बाद होता रहेगा?


 “Delhi Chalo” अभियान और सड़क पर उतरे छात्र

1 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर और CGO कॉम्प्लेक्स में हजारों छात्र इकट्ठा हुए। उन्होंने ‘Delhi Chalo’ अभियान के तहत SSC से जवाबदेही की मांग की।

रिपोर्ट्स के अनुसार:

  • पुलिस और छात्रों के बीच झड़प भी हुई,

  • कुछ छात्रों पर लाठीचार्ज की खबरें आईं,

  • प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो शेयर किए, जो वायरल हो गए।


 SSC और सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही?

अब तक SSC ने किसी भी बड़ी गड़बड़ी को औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार:

  • एक आंतरिक जांच समिति बनाई गई है,

  • प्रभावित परीक्षार्थियों को री-एग्जाम का आश्वासन दिया जा सकता है,

  • शिक्षा मंत्रालय तक मामले की रिपोर्ट भेजी गई है।


 सोशल मीडिया बना छात्रों का हथियार

#SSCMisManagement, #JusticeForSSCStudents, और #ReConductExam जैसे हैशटैग ट्विटर, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहे हैं। कई यूट्यूबर्स और एजुकेशन इन्फ्लुएंसर्स ने भी इस मुद्दे को उठाया है।

छात्रों का कहना है:

“हमने मेहनत की, तैयारी की, लेकिन सिस्टम ने धोखा दिया। हम चुप नहीं बैठेंगे।”


 समाधान क्या हो सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि SSC जैसी बड़ी संस्था को अपनी परीक्षा प्रणाली में निम्नलिखित सुधार करने चाहिए:

  • तकनीकी व्यवस्था को मजबूत करना,

  • परीक्षा के पहले Mock Drill करना,

  • टाइम पर नोटिस और सूचनाएं जारी करना,

  • जवाबदेही तय करने के लिए RTI फ्रेंडली सिस्टम लागू करना।


 निष्कर्ष

SSC परीक्षाएं देश के करोड़ों युवाओं के करियर की नींव होती हैं। ऐसी परीक्षाओं में लापरवाही न सिर्फ छात्रों का भरोसा तोड़ती है, बल्कि पूरे सिस्टम की साख को भी चोट पहुंचाती है।

👉 छात्रों का यह आंदोलन न सिर्फ परीक्षा सुधार की मांग है, बल्कि यह युवाओं की आवाज़ है—जो जवाबदेही और पारदर्शिता चाहती है। सरकार और SSC को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।


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