WHO की नई गाइडलाइन: डेंगू, चिकनगुनिया, ज़िका और येलो फीवर से निपटने का आधुनिक तरीका

🔬 क्या है Arbovirus?

Arbovirus (Arthropod-Borne Virus) एक श्रेणी है जिसमें वे वायरस आते हैं जो मच्छरों के काटने से फैलते हैं। इसमें प्रमुख नाम हैं:

  • डेंगू

  • चिकनगुनिया

  • ज़िका

  • येलो फीवर

ये बीमारियाँ गर्मियों और बरसात के मौसम में ज़्यादा फैलती हैं, खासकर भारत, अफ्रीका और दक्षिण एशिया जैसे देशों में।


🩺 WHO की नई गाइडलाइन – 2025 में क्या बदलाव आया?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहली बार इन चारों बीमारियों के लिए एक सामूहिक क्लिनिकल गाइडलाइन जारी की है। इसका मकसद है गंभीर मामलों की पहचान करना, कम लागत में इलाज देना और मृत्यु दर को कम करना।

मुख्य बिंदु:

  1. Fluid Therapy – मरीज़ को IV ड्रिप द्वारा तरल पदार्थ देना प्राथमिक उपचार है।

  2. Paracetamol का सुरक्षित इस्तेमाल – दर्द और बुखार के लिए पैरासिटामोल को प्राथमिकता दी गई है।

  3. Avoid Platelet Transfusion – डेंगू में प्लेटलेट गिनती कम होना आम बात है, पर WHO ने अनावश्यक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूज़न से बचने की सलाह दी है।

  4. Outpatient Care – हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज घर पर हो सकता है, लेकिन चेतावनी के संकेतों पर ध्यान देना ज़रूरी है।

  5. Severe Case Protocol – ICU में भर्ती, निगरानी और सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों के लिए अलग प्रोटोकॉल तय किए गए हैं।


📈 भारत पर असर

भारत में डेंगू और चिकनगुनिया हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। नई गाइडलाइन से:

  • छोटे अस्पतालों में भी बेहतर इलाज संभव होगा

  • ज़रूरत से ज़्यादा टेस्ट या ट्रांसफ्यूज़न से बचा जा सकेगा

  • सरकारी योजनाओं और हेल्थवर्कर्स को एक स्पष्ट दिशानिर्देश मिलेगा


🛡️ कैसे करें बचाव?

इन बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय:

  • 🦟 मच्छरदानी का इस्तेमाल करें

  • 💧 घर के आसपास पानी जमा न होने दें

  • 👕 फुल आस्तीन के कपड़े पहनें

  • 🔍 लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

  • 💉 येलो फीवर जैसी बीमारियों के लिए टीकाकरण करवाएं


⚠️ कौन से लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें?

अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ:

  • तेज़ बुखार

  • सिर दर्द, जोड़ों में दर्द

  • शरीर पर लाल चकत्ते

  • उल्टी, पेट दर्द

  • साँस लेने में तकलीफ़


📣 अंतिम शब्द

WHO की Arbovirus Guidelines 2025 एक बड़ा कदम है मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लगाने की दिशा में। भारत जैसे देश जहां हर साल लाखों लोग इनसे प्रभावित होते हैं, वहाँ यह गाइडलाइन मरीजों के लिए राहत और डॉक्टरों के लिए एक स्पष्ट रोडमैप दे सकती है।

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